Asthma - श्वासरोग / साँसकी बिमारी / दमा
फेंफडोंमे वायु का संचार
करानेवाली अनेक नलिकाओंका जाल सा बिछा रहता है, जो छोटी छोटी माँसपेशियोंसे ढँकी
रहती है । इन्ही माँसपेशियोंमे जब अकडन , तनाव, आक्षेप, सिकुडाव पैदा होता तब साँस
लेनेमे तकलीफ होने लगती है । उसेही दमा या श्वासरोग कहते है ।
श्वासरोगमे वायुको उर्ध्वगती प्राप्त होती है । इसमे श्वासगती बढना दिखता है । प्राणहरण करनेवाले रोगोंमे श्वास आता है । आयुर्वेदमे श्वासरोगके पाँच प्रकार वर्णन किये है । वो है – महाश्वास, उर्ध्वश्वास, छिन्नश्वास, तमकश्वास और क्षुद्रश्वास । इनमेसे महा, उर्ध्व और छिन्नश्वास ये अरिष्टसुचक है । याने ये श्वास मृत्युसमय दिखते है । क्षुद्रश्वास याने जो अल्पकालके लिये , श्रम करने के बाद / व्यायाम करने के बाद / जादा आहार लेने के बाद दिखता हैवह है । क्षुद्रश्वासमे लक्षण थोडेसेही रहते है, किसी चिकित्साके बिनाभी वह थोडी देर मे अपनेआप कम हो जाता है । थोडासा आराम करनेपर ये अपनेआप कम हो जाता है । जिसे हम अस्थमा कहते है वह आयुर्वेदमे वर्णित तमक-श्वास है । इसेही व्यवहारमे दमा कहा जाता है । जादातर दमा कुलज हेतुसे दिखता है । याने पहिले पीढीमे माँ, पिता, दादा-दादी, नाना-नानी आदि किसिको ये रहता है और फिर इस रोगीमेभी वह दिखता है । याने इसमे अनुवांशिकता रहती है ऐस देखा गया है । इसको तमकश्वास नाम देने के दो कारन है । पहिला है की जब इस श्वास का वेग आता है तो आँखोंके सामने अन्धेरा आता है (तमःप्रवेश) और दुसरा कारन है की तमकश्वास के वेग जादातर रातको, अन्धेरेके समय आते है (‘तमसा वर्धते नित्यम ।‘) । तमकश्वासका आरंभ ह जुकाम, नजला या खाँसी जैसे व्याधीया होने के बाद होते देखा जाता है । शीत ॠतु , बादल छा जाते है तब और कफ बढानेवाले आहार-विहारका सेवन ये तमकश्वासका वेग आने के कारन रहते है । जब तमकश्वास का वेग आता है तब ‘आसिनो लभते सौख्यं, शयनों श्वासपीडितः’ ये देखने को मिलता है । इसका मतलब है कि – तमकश्वास रोगी को बैठनेपे थोडी राहत मिलती है और सोनेपर श्वास वेग बढता है । ये लक्षण बाकी श्वासोंके प्रकार मे नही दिखता और केवल तमकश्वासमेही दिखता है । कभी कभी हृद्रोगमे श्वास ये लक्षण दिखता है । हृद्रोगके कुछ प्रकार जैसे - Left Ventricular Failure / Mitral Stenosis) मे जब उस व्याधीकी गंभीरता बढती है तब श्वास ये लक्षण दिखता है । उसमेभी ‘आसिनो लभते सौख्यं……..’ ये लक्षण दिखता है । उसे Cardiac Asthma ऐसा नाम दिया गया है । साँस फुलना इस लक्षण के साथ साथ तमकश्वासमे खाँसी, कफ निकलना, थकान, भूक न लगना आदि लक्षणभी दिखते है । आधुनिक वैद्यक शास्त्रमे इसको Dyspnoea कहा जाता है । अलग अलग प्रकारके नाम इस तरह है – १) महाश्वास – Biot’s Breathing २) उर्ध्वश्वास – Stertorous Breathing / Failing Respiration ३) छिन्नश्वास – Cheyne-Stroke’s- Respiration ४) तमकश्वास - Asthma ५) क्षुद्रश्वास - Dyspnoea on Exertion |
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